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बैंक अकाउंट में है Zero Balance, फिर भी इमरजेंसी में निकाल सकते हैं पैसा! जानें कैसे
बैंक अकाउंट में है Zero Balance, फिर भी इमरजेंसी में निकाल सकते हैं पैसा! जानें कैसे
अगर बैंक अकाउंट में है 0 Balance, फिर भी इमरजेंसी में निकाल सकते हैं पैसा! जानें कैसे
Zero Balance: बैंक की ऐसी कई सुविधाएं है जिनके बारे में ग्राहक को जानकारी नहीं होती है जी हाँ, कई बार ऐसे होता है कि आपको एमर्जेन्सी में पैसे की जरुरत पढ़ जाती है। लेकिन अगर ऐसा हो कि आपके खाते में जीरो बैलेंस हो तो ऐसी स्थिति में आप क्या करेंगे। ऐसे में आप या तो अपने दोस्तों से पैसे उधार मांगेंगे या तो रिश्तेदारों से। लेकिन आज हम ऐसी जानकारी देने वाले है कि अगर आपके बैंक अकाउंट में जीरो बैलेंस तो भी आपको घबराने की जरुरत नहीं है आप इमरजेंसी के समय में भी जीरो बैलेंस (Zero Balance) होने पर भी पैसे निकाल पाएंगे। चलिए जानते है कैसे।
जीरो बैलेंस होने पर ओवरड्राफ्ट की सुविधा से निकाल सकते है पैसे
अगर आपका बैंक खाता हो तो आप बैंक ओवरड्राफ्ट की सुविधा का फायदा लेकर पैसे निकाल सकेंगे। आपको बता दें, कई ग्राहकों को इस सुविधा के बारे में नहीं पता है और यदि उन्हें इसके बारे में मालूम भी है तो भी वह इसका इस्तेमाल करना नहीं जानते है कि वह इमरजेंसी के वक़्त कैसे पैसे निकाल सकते है।
जानिए क्या है ओवरड्राफ्ट
बता देते है, कि ओवरड्राफ्ट एक तरीके का शार्ट टर्म लोन होता है। जिसकी मदद से ग्राहक तब पैसे निकाल सकता है जब उसके खाते में जीरो बैलेंस होगा। देश में जितने भी सरकारी या प्राइवेट बैंक है उनमे ओवरड्राफ्ट की सुविधा मिलती है। कई बैंको में यह सुविधा चालु खाता, सैलरी अकाउंट या फिक्स्ड डिपाजिट पर मिलती है। कुछ बैंक में शेयर, बांड, सैलरी, इंश्योरंस पॉलिसी, घर
पहले से तय होती है लिमिट।
आमतौर पर बैंक अपने ग्राहकों को मैसेज या ई-मेल के जरिए इस बारे में सूचित करता रहता है कि वो ओवरड्राफ्ट की सुविधा को ले सकता है. बैंक की ओर से इस ओवरड्राफ्ट की लिमिट पहले से तय होती है. सैलरी ओवरड्राफ्ट की यह सुविधा तब काफी काम आती है जब अचानक ही कोई खर्च आ जाए. अगर आपकी EMI, SIP या कोई चेक लगा हुआ है तो इसके बाउंस होने के चांस भी रहते हैं. लेकिन ओवरड्राफ्ट की सुविधा लेने पर इस दुविधा से बचा जा सकता है.
जान लें ये शर्त
ओवरड्राफ्ट फैसेलिटी को ज्वाइंट में भी लिया जा सकता है. ऐसे में पैसे चुकाने की जिम्मेदारी दोनों की होगी. वहीं अगर कोई एक अमाउंट को नहीं चुका पाता है तो दूसरे को पूरा अमाउंट चुकाना होगा. वहीं गिरवी रखी गई चीजों पर रिस्क होगा. अगर आप ओवरड्राफ्ट नहीं चुका पाते हैं तो आपके द्वारा गिरवी रखी गई चीजों से इसकी भरपाई होगी. लेकिन अगर ओवरड्राफ्टेड अमाउंट गिरवी रखी गई चीजों की वैल्यु से ज्यादा है तो बाकी के पैसे आपको चुकाने होंगे.
आम तौर पर बैंक आपकी सैलरी अकाउंट के बदले भी ओवरड्राफ्ट देते हैं. यह सैलरी का 2 से 3 गुना रकम हो सकती है. इस तरह के ओवरड्राफ्ट सुविधा के लिए आपका सैलरी अकाउंट उसी बैंक में होना चाहिए. जिससे आप ओवरड्राफ्ट लेना चाहते हैं. जैसे अगर आपका SBI में सैलरी अकाउंट है, तो ओवरड्राफ्ट के लिए कम से कम 6 रेगुलर सैलरी अकाउंट में क्रेडिट होनी जरूरी है. वहीं, अगर आपका SBI में FD है तो आप उस पर 5 करोड़ रुपये तक ओवरड्राफ्ट ले सकते हैं.
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